दिल में छिपे दर्दों का एक विशाल सागर
यह हमारे अनंत सागर है, जहाँ हताशा की बारिश होती रहती है। हर लगातार उस पल में, यह ज्वार-भाटा अपने भीतर बहुत गरजता है। यहाँ उमंग अक्सर छिप�
यह हमारे अनंत सागर है, जहाँ हताशा की बारिश होती रहती है। हर लगातार उस पल में, यह ज्वार-भाटा अपने भीतर बहुत गरजता है। यहाँ उमंग अक्सर छिप�
यहाँ एक दिल है जो उमड़ता रहता है। परन्तु उसकी आवाज़ झूठे सपनों में खो गई है। वह {सच{ की तलाश में भटक रहा है, लेकिन उसे सिर्फ {छल{ |मूर्खताधोख